इन्द्रियां और शरीर कर्म करते है मन विचार करता है बुद्धी ज्ञान धारण कर विचारों का नापतौल करती है। इसी ज्ञान और विचारों का नापतौल करने की क्षमता से संस्कार बनते है। और यही संस्कार आत्मा के अन्दर दर्ज होते हैं। यही आत्मा की भाषा है। ©Vikash Kamboj #Aatma