रचना दिनांक 26,,12,,2024, वार गुरुवार समय सुबह छह बजे ्निज विचार ् ्शीर्षक ् ््छलक तलक तो आयगी जायगी और अपने विचार सपने बुनते हुए, जीवन को लेकर चलते फिरते हवाओं के झोके सा अहसास हो, जो भी हो अनसुलझे रहस्य, आविष्कार,गणित नई खोज, ब्रह्मांड में विचरण करने वाले को रुह की गहराईयों से जन्मा विचार , सच और रहस्य से पर्दा उठा कर साफ कर देख रहा है््् ््््भावचित्र ् पल भर में घड़ी विलक्षण प्रयोग,परीक्षाशाला, में , शोध और अनुसंधान एवं प्रशिक्षण सुझाव और प्रतिक्रिया में, परिभाषित विकल्प और अपने विचार सोच का दायरा विकसित, क़िया क़ियात्मक तथ्यों पर आधारित लक्ष से , आधार पर जटिल से भी जटिल विषय पर , एक निष्कर्ष पर सार्थक विष्लेषण से कई ,, नव नवोदित विचार का अंकुरण से अपनी रूह में खोकर , उस पर कार्य क्षमताओं का स्वरूप खोजना शुरू से अंत तक , अपने कर्म और तथ्यों पर आधारित एक सार्थक निर्णय स्वप्रयास से पहुंचना और उस पर देश और समाज सभ्यता संस्कृति विश्व की महाशक्ति के, समक्ष उपस्थित प्रस्तुत कर एक कदम आगे बढ़ते हुए, जीवन से जुड़ी घटनाओं में समर्पण मातृभूमि पर देशभक्ति का दीप प्रज्जवलित कर देख रही है।। प्रेम शब्द की शब्दावली में अमर ज्योति प्रकट स्वरूप माना गया है,, निस्वार्थ सेवा मानव जीवन पर आधारित एक जीवंत प्रयास करें जनसेवा ही मानव धर्म कर्म है ,,।। हमारे देश का गौरवशाली अतीत और वर्तमान वहआदर्श प्रतिमान है,, जो धरती पर साकार लोक में सदैव ही अमर शहीद , शक्ति पूंज दिव्यता कोटीश्यं नमन वन्दंनीय है ।। ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ् 26, दिसंबर 2024,, ©Shailendra Anand Aaj Ka Panchang भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद