ग़ज़ल मापनी - १२१२-११२२-१२१२-११२/२२ तेरी नज़र से अगर हम गुजर गए होते कसम खुदा की मेरे हम सँवर गए होते।।१ कहाँ कहाँ नहीं भटके मेरी तलाश में तुम बस इक दफा के लिए मेरे घर गए होते।।२ बहुत अधीर था दिल मेरा मिलने को उनसे अगर वो आते नहीं तो बिखर गए होते।।३ ग़ज़ल तो हम भी लिखा करते है मियाँ लेकिन हमें सिखाता कोई तो निखर गए होते।।४ उन्होंने जाने दिया कुछ कहे बिना हमको वो रोकते तो सही हम ठहर गए होते।।५ बहुत बिगड़ गये हो मां की ममता में ऐ #जय पिता की डांट मिले तो सुधर गए होते।।६ और एक ग़ज़ल आप सभी की नज़्र में #ग़ज़ल #शायरी #yqhindi #yqdidi #yourquotedidi #yqquotes