उज्जवल भविष्य का लौ हूं में !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! मंथन हो रही सोच की , फिक्र नहीं तनिक भी खरोच की । मैं प्रमोद हूं झारखंड का , मैं जलता ज्वाला हूं राजनीतिक पाखंड का । उज्जवल भविष्य का लौ हूं मैं , तुम हो हजार , अकेला सौ हूं मैं । इंसानी दुश्मन का प्रहरी हूं मैं , भ्रष्टाचारियों का कचहरी हूं मैं । फिक्र नहीं किसी भी अवरोध की , फिक्र नहीं तनिक भी खरोच की । मन खाली , पांव खाली , खाली पूरा गगन , हेमंत सरकार क्या , झुकेगी एक दिन चमन । दृढ़ संकल्पित मेरा तन है , साथ मेरे झारखंडी जन-जन है । चाहिए खुशहाल वातावरण , और खुशहाल मजदूर किसान । मैं प्रमोद हूं मेरी है यही पहचान , मैं झारखंडी हूं , झारखंड है मेरी जान । फिक्र नहीं मुझे किसी की क्रोध की , फिक्र नहीं तनिक भी खरोच की ।। #################### प्रमोद मालाकार की कलम से ©pramod malakar #उज्जवल भविष्य का लौ हूं मैं।