महफ़िल भी सूनी लगती है तेरा कसर लगता है, ग़म भी खुशी लगती है तेरा असर लगता है। है लगता हर पल सदियों सा, बरसों सा बिन तेरे तेरा दिल ही मुझे अब मेरा घर लगता है। ©R.V. Chittrangad 9839983105 महफ़िल भी सूनी लगती है तेरा कसर लगता है, ग़म भी खुशी लगती है तेरा असर लगता है। है लगता हर पल सदियों -सा, बरसों -सा बिन तेरे; तेरा दिल ही मुझे