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जमीन से कीमती ज़मीर है क्या करे, खुद्दार से ज़्याद

जमीन से कीमती ज़मीर है
क्या करे,
खुद्दार से ज़्यादा
ज़माने में खुदगर्ज है!
हवा जब बदलती है
पता चलता है!
इन्सान बदले
तो हवा को भी कहां पता चलता है।
सुमन सिंह राजपूत

©#suman singh rajpoot
  #chai जमीन से कीमती ज़मीर है
क्या करे,
खुद्दार से ज़्यादा
ज़माने में खुदगर्ज है!
हवा जब बदलती है
पता चलती है!
इन्सान बदले
तो हवा को भी कहां पता चलती है।

#chai जमीन से कीमती ज़मीर है क्या करे, खुद्दार से ज़्यादा ज़माने में खुदगर्ज है! हवा जब बदलती है पता चलती है! इन्सान बदले तो हवा को भी कहां पता चलती है। #Thoughts

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