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मत उधेड़ ज़ख़्म मेरे नादान दिल के, अब रफ़ू करने वाले द

मत उधेड़ ज़ख़्म मेरे नादान दिल के,
अब रफ़ू करने वाले दर्ज़ी नही मिलते,
घंटो साथ बिताते थे वो दौर और थे, 
अब बेरहम वो अपनी मर्ज़ी नही मिलते...

Pradeep - 25/09/18

मत उधेड़ ज़ख़्म मेरे नादान दिल के, अब रफ़ू करने वाले दर्ज़ी नही मिलते, घंटो साथ बिताते थे वो दौर और थे, अब बेरहम वो अपनी मर्ज़ी नही मिलते... Pradeep - 25/09/18 #शायरी

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