न दाग़ न धब्बा न खून की छीटें कपड़े कौन साफ करता हैं हुजूर ?? झक सफ़ेद ! न उलझन न अहसास न गम न तौबा दिल कैसे धड़कता है हुजूर ?? झक काला ! ©pankaj mishra #हुजूर- ए-वाला