क्यों विश्वास की उपजाऊ धरा पर .... तुम. कैक्टस की फसल. ऊगा रहे हो .......क्यों चल पड़ते हो फिर फिर कटु अनुभूतियो की पुरानी डगर पर ....जिन पर पहले भी कई बार. तुम चल चुके हो कटु अनुभव