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रास्ते क्या कभी आपने यह भी सोचा है कि हम सभी के रा

रास्ते क्या कभी आपने यह भी सोचा है कि हम सभी के रास्ते अलग-अलग क्यों हैं? बस यूँ ही चलते-चलते मुझे कुछ इस विषय पर समझ हुई कि इसके पीछे अनेकों कारण हो सकते हैं, लेकिन इन अनेकों कारणों में से एक ही कारण सभी कारणों का मूल है- वन नेशन वन कार्ड हो सकती है, वन रैंक वन पेंशन हो सकती है, वन आई.ए.ए.डी वन सिस्टम आदि जैसी योजना चलाकर सरदार पटेल की सोच "एक भारत श्रेष्ठ भारत" को साकार करने की कोशिशें बदस्तूर जारी है. तो क्यों नहीं समान नागरिक संहिता को लागू करते हुए भी यह कोशिशें की जाय. शायद तभी  "एक भारत श्रेष्ठ भारत" की योजना सफल एवं सकेन्द्रित होते हुए भारत के सभी नागरिकों को एक गोले के अंदर लाएगी.
रास्ते क्या कभी आपने यह भी सोचा है कि हम सभी के रास्ते अलग-अलग क्यों हैं? बस यूँ ही चलते-चलते मुझे कुछ इस विषय पर समझ हुई कि इसके पीछे अनेकों कारण हो सकते हैं, लेकिन इन अनेकों कारणों में से एक ही कारण सभी कारणों का मूल है- वन नेशन वन कार्ड हो सकती है, वन रैंक वन पेंशन हो सकती है, वन आई.ए.ए.डी वन सिस्टम आदि जैसी योजना चलाकर सरदार पटेल की सोच "एक भारत श्रेष्ठ भारत" को साकार करने की कोशिशें बदस्तूर जारी है. तो क्यों नहीं समान नागरिक संहिता को लागू करते हुए भी यह कोशिशें की जाय. शायद तभी  "एक भारत श्रेष्ठ भारत" की योजना सफल एवं सकेन्द्रित होते हुए भारत के सभी नागरिकों को एक गोले के अंदर लाएगी.