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कालेज की याद,और मेरी जान की फरियाद कुछ भी हो दोस

कालेज की याद,और मेरी  जान की फरियाद 
कुछ भी हो दोस्तो, मुहब्बत हैं जिन्दाबाद 

जब कालेज में उससे बात हुई, तभी से हम उसके हो गए 
रास्ते पर चलते रहे , लेकिन अपनी मंजिल से खो गए 
खोते खोते इतना खो गए, की सबसे दूर हो गए 
सोचा था पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बनेंगे 
लेकिन इश्क करने के बाद हम मजदूर हो गए 


कितना लिखें शायरी में अपनी बीते कल की नादानी 
कभी सोचते हैं तो आंखों में भर आता है पानी 
आज भी संभाल कर रखे हैं, उसकी गुलदस्ता निशानी 
इसी लिए गम में हम और अंधेरे में मेरी जिंदगानी 



जब पहली बार मिले थे हम दोनों तो दिल ने यही कहा था 
शुरू हो रही हैं प्रेम कहानी

©Ramashish Chaudhary #kissday
कालेज की याद,और मेरी  जान की फरियाद 
कुछ भी हो दोस्तो, मुहब्बत हैं जिन्दाबाद 

जब कालेज में उससे बात हुई, तभी से हम उसके हो गए 
रास्ते पर चलते रहे , लेकिन अपनी मंजिल से खो गए 
खोते खोते इतना खो गए, की सबसे दूर हो गए 
सोचा था पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बनेंगे 
लेकिन इश्क करने के बाद हम मजदूर हो गए 


कितना लिखें शायरी में अपनी बीते कल की नादानी 
कभी सोचते हैं तो आंखों में भर आता है पानी 
आज भी संभाल कर रखे हैं, उसकी गुलदस्ता निशानी 
इसी लिए गम में हम और अंधेरे में मेरी जिंदगानी 



जब पहली बार मिले थे हम दोनों तो दिल ने यही कहा था 
शुरू हो रही हैं प्रेम कहानी

©Ramashish Chaudhary #kissday