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थी मोहब्बत इस कदर तुमसे हमें, इश्क का हर द

थी मोहब्बत इस कदर तुमसे हमें,
        इश्क का हर दम नशा छाया रहा।
था पता मुझको वफ़ा में खोट है,
            फ़िर भी जाने क्यों मैं भरमाया रहा?
     दिल की क्या बातें?किसी को क्या पता?
         तनहा वो रातें,किसी को क्या पता?
चाह उसकी जुल्फों के साए की थी,
       रात भर इक चाँद का साया रहा।

©Minesh chauhan
  #Raat