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देखते ही देखते ये क्या मंजर हो गए रातें जाग रहीं औ

देखते ही देखते
ये क्या मंजर हो गए
रातें जाग रहीं
और दिन सो गए
रोनकें हैं घरों में
और शहर खामोश हो गए
जिन इंसानों को था
अपनी ताकत पे गरूर
आज वही इंसान 
किस कदर मजबूर हो गए #poetrylandmark #nojotohindi #Poetry #Shayari #nojotocorona
देखते ही देखते
ये क्या मंजर हो गए
रातें जाग रहीं
और दिन सो गए
रोनकें हैं घरों में
और शहर खामोश हो गए
जिन इंसानों को था
अपनी ताकत पे गरूर
आज वही इंसान 
किस कदर मजबूर हो गए #poetrylandmark #nojotohindi #Poetry #Shayari #nojotocorona