यह चांदनी रात और समुंदर के किनारे मैं खड़ा हूं नंगे पांव लहरों के सहारे वह आती है और मुझे छू कर चली जाती है वह आती है और मुझे छू कर चली जाती है और धीरे-धीरे वह मिट्टी का सरकना , चांदनी रात और तेरी यादों का साथ मैं बयां नहीं कर सकता यह हवा की सरसराहट जो छू के मुझे निकल जा रही है और यह शांत समुद्र की सफेद लहरें मानो रात में मुझे बुला रही हैं Pic courtesy by neeraj singh of beach @ Puri #neerajwrites #yqdidi #yqbaba #yqquotes