चूड़ी पहने चंडी जब अपनी पर आ जाए धूल चटा दें रणचंडी ऐसी रणछोड़ योद्धा भागे सवाल समाज के ठेकेदारों के लिए सोचनीय है आखिर कितनी घिनौनी मानसिकता है स्त्रियों को करना लज्जित जुए में हारने वाले अपने थे वस्त्र खींचने वाले भी गैर नहीं निर्वस्त्र कर जीते जी मार देना भी क्षत्रियों वाला बैर नहीं अभी जुबान चलाना ही सीखें है तो तलाक आम हो गया हाथ चलाने लगे तो परिवार का सिद्धांत गायब हो जाएगा बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla चूड़ी KK क्षत्राणी RAVINANDAN Tiwari