।।मौन।। बेसहारा बेजुबान, जान का हरण कर, आज आदमी, बन गया हैवान है। मानवता को रौंद कर, आत्मा का कर दहन, आदमी के भेष मे, बैठा शैतान है। न जाने किस ओर ,जा रहा विधान है, आदमी क्यूँ ले रहा ,पशुओं की जान है। हैवानो को किसने, ये दिया अधिकार है, आज गगन धरा को, इस करनी पे धिक्कार है। सृष्टि का कण-कण, लगा रहा गुहार है, मानवता के रूप मे ,ये कैसा विकार है। न कोई दोष था ,न कोई गुनाह, फिर भी न मिली मुझे ,दर्द मे पनाह। मुझको तो प्यारे थे प्रभु ,तेरे बनाऐ सारे इंसान, मैंने क्या बिगाड़ा था, जो ले ली मेरी जान। एक ही गुहार है ,एक ही पुकार, मानवता बिखर रही ,भर रहा विकार। सृष्टि के रचियता ,सृष्टि पे आओ,; बेसहारा बेजुबानो का ,सहारा बन जाओ।। बेसहारा बेजुबानो का ,सहारा बन जाओ।। #kerlaelephant ...... Sonali sen #RIPHUMANITY #story #Rap #Quote #thought #poem #Poetry