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आवश्यकताओं की ख़ातिर मजदूर बनना या मजदूर बनने को

आवश्यकताओं की ख़ातिर मजदूर बनना 
या मजदूर बनने को बेबस हो जाना
हर निर्माण मजदूर के हाथों होना
फिर भी सम्मान का अधिकारी ना बनना
आज की तरक्की जो देख रहे हो
वो देन मजदूरों की है पारितोषिक मजदूरी ही नहीं
सम्मान और मीठे बोल संग मजदूरी के अभिलाषी।

©Priya Gour
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#poetrymonth 
#1may 6:38
priyagour7765

Priya Gour

Gold Star
Super Creator
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🌸 #poetrymonth #1may 6:38 #शायरी

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