Nojoto: Largest Storytelling Platform

गम भरी आँखें हैं लब्ज दर्द बयां करें कैसे पहरे बिठ

गम भरी आँखें हैं लब्ज दर्द बयां करें कैसे
पहरे बिठा रख्खे हैं हमने दिल पर जज्बातों को भी रिहा करें कैसे
दर पर एक इश्क का परिन्दा बैठा है
उस परिन्दे को भी सौगातों से विदा करें कैसे।

©Anuradha
  #कैसे