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तेरी ही मुहब्बत हैं जो रात रात भर सोने न दे। तेरी

तेरी ही मुहब्बत हैं जो रात रात भर सोने न दे।
तेरी ही बात ख्यालों में रहें, 
तू ही मेरा ख्याल बन गया। 
मै, मै न रहकर तुम में ही कहीं गुम हूँ आजकल। 
आँखों को पलकों से जो बंद करूँ, 
तुम उसमें आकर छीप जाते हों। 
तेरी ही मुहब्बत हैं जो रात रात भर सोने न दे।
तेरी शरारत भरी आँखे ,
चुपके से कुछ कह जाए। 
और फिर खुद ही शरमा के छीप  जाए। 
जैसे मैं तुम में कहीं गुम हूँ आजकल। 
लाख छिपा लूँ दुनियाँ से तेरे लिए प्यार , 
पर! ये आँखें तेरे ही प्यार को जाहिर कर दे।

©Geeta Sharma pranay #चुपके #नजरें #गीता
#
#PoetInYou
तेरी ही मुहब्बत हैं जो रात रात भर सोने न दे।
तेरी ही बात ख्यालों में रहें, 
तू ही मेरा ख्याल बन गया। 
मै, मै न रहकर तुम में ही कहीं गुम हूँ आजकल। 
आँखों को पलकों से जो बंद करूँ, 
तुम उसमें आकर छीप जाते हों। 
तेरी ही मुहब्बत हैं जो रात रात भर सोने न दे।
तेरी शरारत भरी आँखे ,
चुपके से कुछ कह जाए। 
और फिर खुद ही शरमा के छीप  जाए। 
जैसे मैं तुम में कहीं गुम हूँ आजकल। 
लाख छिपा लूँ दुनियाँ से तेरे लिए प्यार , 
पर! ये आँखें तेरे ही प्यार को जाहिर कर दे।

©Geeta Sharma pranay #चुपके #नजरें #गीता
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#PoetInYou