तेरा इंतज़ार पहली दफ़ा किसी ने मेरी आँखे पढ़ी थी ,क्या बताऊं बिल्कुल सच पढ़ी थी , कहता था आपकी आँखों में इंतिजार दिखता है ,किसी के लिए बेइंतेहा प्यार दिखता है, बड़ी दूर से आया था , वो अनजाना, जरा जाना पहचाना सा लगता था , कहने लगा आपकी आँखों में सब साफ़ दिखता है , इन आँखों में कोई राज दफ़न लगता है , बड़ी भावुक लगती हो ,किसी अपने से आहत लगती हो , थोड़ी सी अंतर्मुखी हो ,यूँ सबसे आसानी से नहीं खुलती हो , सच्चे प्यार की तलाश है ,इन निगाहों में बसे कई ख्वाब है , सागर सी गहरी ख़ामोशी झलकती है इन् आँखों में , तुम किसी रहस्यमयी चलचित्र सी लगती हो सच कहता हूँ तुम्हें समझ पाना इतना आसान नहीं , उसकी बातें सुन लगा मै आईने में खुद को देख रही हूँ , देर ही सही पर खुद ही खुद से मिल रही हूँ , कहता था लिखूंगा एक रोज तुम्हे मेरी कविताओँ में , बड़ी ही ख़ूबसूरत है ये आँखे आपकी,डूब जाये कोई भी इन् निगाहों में ऐसा नशा है , बड़े ही आज़ाद ख्याल है आपके ,जाने क्यू आपके ख्यालों में खोने को जी चाहता है , अकेले तुम भी हो अकेले हम भी है ,चलो क्यों का एक दूजे के गम बांटते है , पर ये दिल न बड़ा जिद्दी है ,इसे बस उसका ही इंतिजार है , और वो नासमझ इस बात से अबतक अनजान है , अब किसी और को दिल में कैसे बसा लू ,उसेभूल पाना नहीं इतना आसान है , सुनकर मेरी बाते वो थोड़ा मायूस हुआ , फिर बोला कोई बात नहीं ,मेरा इश्क़ ही एक तरफा था , चलो अब चलता हूँ किसी अनजाने सफर की तलाश में , कभी ख्याल आये मेरा तो जरूर मूड देखना , अब किसी और को भी तेरा इंतिजार है | पहली दफ़ा किसी ने मेरी आँखे पढ़ी थी ,क्या बताऊं बिल्कुल सच पढ़ी थी , कहता था आपकी आँखों में इंतिजार दिखता है ,किसी के लिए बेइंतेहा प्यार दिखता है, बड़ी दूर से आया था , वो अनजाना, जरा जाना पहचाना सा लगता था , कहने लगा आपकी आँखों में सब साफ़ दिखता है , इन आँखों में कोई राज दफ़न लगता है , बड़ी भावुक लगती हो ,किसी अपने से आहत लगती हो , थोड़ी सी अंतर्मुखी हो ,यूँ सबसे आसानी से नहीं खुलती हो , सच्चे प्यार की तलाश है ,इन निगाहों में बसे कई ख्वाब है ,