मैं आज अपने सारे राज खोलना चाहता हूँ जो भीतर दफन है जमाने से वो सारे कब्र आज खोदना चाहता हूँ दर्द जो बेहिसाब बढ़ चले थे आज सबका हिसाब करना चाहता हूं सजा मुकर्रर कर दे मेरी भी कोई अब मैं फिर से इक गुनाह कर देना चाहता हूँ खूंटी पे जिस्म टांग कर खुद को आजाद कर देना चाहता हूँ आँखों को क्या है वो खुली रहेंगी पर उसे देखने का हक़ मैं सिर्फ अपने दिल को देना चाहता हूं मेरे लफ्ज़ मेरे जज्बात #Nojoto #NojotoHindi #poetry #Rajhans