हम मनमौजी,,, अजी! हमें क्या शिकायत जिंदगी से ? हम तो बेहिसाब मुस्कुराते हैं, आता नहीं हुनर राग का,फिर भी बेसुरा गीत,,,,, खुशियों के गुनगुनाते हैं, ना बाबा ना "इब्राहिमी" हमसे आंसुओं का बोझ संभाला नहीं जाता, ©AL ibrahimi poetry #aansuwon ka bojh #Our_happiness