कागज़ कागज़ इस रंग बिरंगी दुनिया में फरेब के कितने पहलू निकले। माँ-बाप,भाई-बहन,पति-पत्नी, राजा -रंक, ईश्वर-भक्तजन। सभी के दिलोंमें थे शूल चुभे। जो बीज हमने बोये अपने आँगन में उनके वृक्षों की शाखाओं पर जो खिले। वो कागज के फूल निकले।। पारुल शर्मा इस रंग बिरंगी #दुनिया में #फरेब के कितने #पहलू निकले। माँ-बाप,भाई-बहन,पति-पत्नी, राजा -रंक, ईश्वर-भक्तजन। सभी के दिलोंमें थे #शूल चुभे। जो #बीज हमने बोये अपने आँगन में उनके वृक्षों की शाखाओं पर जो खिले। वो कागज के #फूल निकले। पारुल शर्मा 2liner