मेरे सर पर हाथ है उनका, दुआएँ हैं. जो मेरा दर्द कम करती है जख्मों को सीती हैं। फिर मैं मायूस कैसे हो सकता हूँ. वो निगाहें जो सिर्फ मुझे देखकर ही जीती हैं।। #Sk# माँ-बाबूजी अविनाश मिश्र अंजान रोहित तिवारी Ram_N_Mandal