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विषय :- आजाद भारत विधा :- सार छन्द ,१६,१२पर यत

विषय  :- आजाद भारत 
विधा :-   सार छन्द ,१६,१२पर यति

आजाद भारत की लिखें हम , मिलकर नई कहानी ।
आओ आज बताएँ सबको , हम सब हिन्दुस्तानी ।।
आजाद भारत की लिखें हम....

सबका हक है एक बराबर,  यहाँ सभी है ऊँचा ।
सबकी मंजिल एक यहाँ पर , और एक है कूँचा ।।
कदम मिलाकर नारी चलती , थी पुरुषों ने ठानी ।
उतरी वह विश्वास लिए फिर , करी न आनाकानी ।।
आजाद भारत की लिखें हम....

एक कमाए घर भर खाए , नही चलेगा ऐसे ।
आओ मिलकर काम करे हम , लाए फिर दो पैसे ।
इसी सोंच ले लिख डाली , देखो एक कहानी ।
इक के पीछे एक चला फिर , सबको थी हैरानी ।।
आजाद भारत की लिखें हम....

बच्चों को स्कूल भेजकर हम , शिक्षित उन्हें बनाएं ।
और बाल श्रम पर रोक लगे , आवाज हम उठाए ।।
आने वाले कल को हम दे , सुंदर एक निशानी ।
अलग बने पहचान हमारी , देनी हर कुर्बानी ।
आजाद भारत की लिखें हम....

चाहे जैसा हो कल अपना , साहस बाँधें रहना ।
यही सूत्र था तब जीवन का , हर मुश्किल से लड़ना ।
कितना भी हो वक्त बुरा सुन , होगी फिर आसानी ।
खूब बहेंगी दूध कि नदियाँ , क्यों आखों में पानी ।
आजाद भारत की लिखें हम ...

आजाद भारत की लिखें हम ,मिलकर नई कहानी ।
आओ आज बताएं सबको , हम सब हिन्दस्तानी ।।

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विषय  :- आजाद भारत 
विधा :-   सार छन्द ,१६,१२पर यति

आजाद भारत की लिखें हम , मिलकर नई कहानी ।
आओ आज बताएँ सबको , हम सब हिन्दुस्तानी ।।
आजाद भारत की लिखें हम....

सबका हक है एक बराबर,  यहाँ सभी है ऊँचा ।
विषय  :- आजाद भारत 
विधा :-   सार छन्द ,१६,१२पर यति

आजाद भारत की लिखें हम , मिलकर नई कहानी ।
आओ आज बताएँ सबको , हम सब हिन्दुस्तानी ।।
आजाद भारत की लिखें हम....

सबका हक है एक बराबर,  यहाँ सभी है ऊँचा ।
सबकी मंजिल एक यहाँ पर , और एक है कूँचा ।।
कदम मिलाकर नारी चलती , थी पुरुषों ने ठानी ।
उतरी वह विश्वास लिए फिर , करी न आनाकानी ।।
आजाद भारत की लिखें हम....

एक कमाए घर भर खाए , नही चलेगा ऐसे ।
आओ मिलकर काम करे हम , लाए फिर दो पैसे ।
इसी सोंच ले लिख डाली , देखो एक कहानी ।
इक के पीछे एक चला फिर , सबको थी हैरानी ।।
आजाद भारत की लिखें हम....

बच्चों को स्कूल भेजकर हम , शिक्षित उन्हें बनाएं ।
और बाल श्रम पर रोक लगे , आवाज हम उठाए ।।
आने वाले कल को हम दे , सुंदर एक निशानी ।
अलग बने पहचान हमारी , देनी हर कुर्बानी ।
आजाद भारत की लिखें हम....

चाहे जैसा हो कल अपना , साहस बाँधें रहना ।
यही सूत्र था तब जीवन का , हर मुश्किल से लड़ना ।
कितना भी हो वक्त बुरा सुन , होगी फिर आसानी ।
खूब बहेंगी दूध कि नदियाँ , क्यों आखों में पानी ।
आजाद भारत की लिखें हम ...

आजाद भारत की लिखें हम ,मिलकर नई कहानी ।
आओ आज बताएं सबको , हम सब हिन्दस्तानी ।।

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विषय  :- आजाद भारत 
विधा :-   सार छन्द ,१६,१२पर यति

आजाद भारत की लिखें हम , मिलकर नई कहानी ।
आओ आज बताएँ सबको , हम सब हिन्दुस्तानी ।।
आजाद भारत की लिखें हम....

सबका हक है एक बराबर,  यहाँ सभी है ऊँचा ।

विषय :- आजाद भारत विधा :- सार छन्द ,१६,१२पर यति आजाद भारत की लिखें हम , मिलकर नई कहानी । आओ आज बताएँ सबको , हम सब हिन्दुस्तानी ।। आजाद भारत की लिखें हम.... सबका हक है एक बराबर, यहाँ सभी है ऊँचा । #कविता