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ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा इस रात की तक

 ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा
इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा

चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है
जब तुम मुझे अपना कहते हो अपने पे ग़ुरूर आ जाता है

दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ
याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ

भूले से मोहब्बत कर बैठा, नादाँ था बेचारा, दिल ही तो है
हर दिल से ख़ता हो जाती है, बिगड़ो न ख़ुदारा, दिल ही तो है

©SMA voice group
  #worldbestfriendday #साहिर_लुधियानवी  Amit Pandey आँचल सोनी 'हिया' Ajain_words DASHARATH RANKAWAT SHAKTI