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//औरत और सपने// दूर है लेकिन, मेरी आँखें मज़िल पे

//औरत और सपने//

दूर है लेकिन, मेरी आँखें मज़िल पे टिकी हैं
क्या तुम्हें होंठों पे उम्मीद की हँसी दिखी है? 

सुबह का सादा उजाला पहन के मैं आयी हु
आँचल से ढक, सीने मे काली रात छुपायी हु

फूल बना के सपनों को बालों मे लगाया हैं
क्या तुम्हे भी मेरा हौसला नज़र आया हैं? 

पिंजरे सी कुछ जालियां मेरे सामने आज हैं
क़ैद करेगा कैसे कोई, मेरी सोच आज़ाद हैं #mai_bekhabar #collabwithmb 

#rztask466 #restzone #rzलेखकसमूह 

#yqdidi #yqhindi
//औरत और सपने//

दूर है लेकिन, मेरी आँखें मज़िल पे टिकी हैं
क्या तुम्हें होंठों पे उम्मीद की हँसी दिखी है? 

सुबह का सादा उजाला पहन के मैं आयी हु
आँचल से ढक, सीने मे काली रात छुपायी हु

फूल बना के सपनों को बालों मे लगाया हैं
क्या तुम्हे भी मेरा हौसला नज़र आया हैं? 

पिंजरे सी कुछ जालियां मेरे सामने आज हैं
क़ैद करेगा कैसे कोई, मेरी सोच आज़ाद हैं #mai_bekhabar #collabwithmb 

#rztask466 #restzone #rzलेखकसमूह 

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