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वो नज़रो से करती बाते मैं धड़कन को सुनता हूँ, उसकी य

वो नज़रो से करती बाते मैं धड़कन को सुनता हूँ,
उसकी यादो के सपने मैं रातो को अक्सर बुनता हूँ,
जब वो मेरे सामने आती मैं अक्सर घबराता हूँ
कहना चाहूँ दिल की अपनी पर कुछ न कह पाता हूँ,
हवा में आती उसकी खुसबू और करीब ले जाती है,
बढ़ जाता है इश्क़ मेरा जब तेरी जुल्फ मुझे छु जाती हैं,
लबो पर लेकर नाम तेरा मैं अक्सर खुद हीं सुनता हूँ,
उसकी यादो के सपने मैं रातो को अक्सर बुनता हूँ,
कहो सुनो का सिलसिला ये यू ही चलते रहता है,
कुछ नही कहकर भी वो अपना सब कुछ कह देता हैं,
प्रिये प्रेमिका नही मैं उसको मेरे जीवन की संज्ञा मैं देता हूँ,
लाकर उसके होंठो पर हसी मैं भी थोड़ा हस लेता हूँ,
यादो में भी आती उसकी वो आवाज़ को मैं सुनता हूँ,
उसकी यादो के सपने मैं रातो को अक्सर बुनता हूँ,
कह दो न तुम जान मेरी तुम भी तो मेरे अपने हो,
जिसे मैं चाहूँ देखना देवराज तुम ही तो मेरे वो सपने हो,
कहो न कहती ही रहो न तुम मुझसे यू प्यार की बाते,
कटती है तो काटने दो न फिर क्या दिन और क्या है राते,
तुम क्यों अपने दिल बाते मुझसे अब भी छुपाती हो,
प्यार आता है तुम्हे भी मुझ पर पर तुम नही बताती हो,
देव अगर राज है फिर तो तुम देव की ही रानी हो,
मैं लेखक हूँ प्रेम का और तुम मेरी प्रेम कहानी हो,
अपनी प्रेम कहानी को मैं,खुद ही अक्सर पढ़ता हूँ,
शब्दों के सागर से अब मैं प्रेम के मोती चुनता हूँ,
उसकी यादो के सपने मैं रातो को अक्सर बुनता हूँ, #devrajsinghrathore #nojotohindi
वो नज़रो से करती बाते मैं धड़कन को सुनता हूँ,
उसकी यादो के सपने मैं रातो को अक्सर बुनता हूँ,
जब वो मेरे सामने आती मैं अक्सर घबराता हूँ
कहना चाहूँ दिल की अपनी पर कुछ न कह पाता हूँ,
हवा में आती उसकी खुसबू और करीब ले जाती है,
बढ़ जाता है इश्क़ मेरा जब तेरी जुल्फ मुझे छु जाती हैं,
लबो पर लेकर नाम तेरा मैं अक्सर खुद हीं सुनता हूँ,
उसकी यादो के सपने मैं रातो को अक्सर बुनता हूँ,
कहो सुनो का सिलसिला ये यू ही चलते रहता है,
कुछ नही कहकर भी वो अपना सब कुछ कह देता हैं,
प्रिये प्रेमिका नही मैं उसको मेरे जीवन की संज्ञा मैं देता हूँ,
लाकर उसके होंठो पर हसी मैं भी थोड़ा हस लेता हूँ,
यादो में भी आती उसकी वो आवाज़ को मैं सुनता हूँ,
उसकी यादो के सपने मैं रातो को अक्सर बुनता हूँ,
कह दो न तुम जान मेरी तुम भी तो मेरे अपने हो,
जिसे मैं चाहूँ देखना देवराज तुम ही तो मेरे वो सपने हो,
कहो न कहती ही रहो न तुम मुझसे यू प्यार की बाते,
कटती है तो काटने दो न फिर क्या दिन और क्या है राते,
तुम क्यों अपने दिल बाते मुझसे अब भी छुपाती हो,
प्यार आता है तुम्हे भी मुझ पर पर तुम नही बताती हो,
देव अगर राज है फिर तो तुम देव की ही रानी हो,
मैं लेखक हूँ प्रेम का और तुम मेरी प्रेम कहानी हो,
अपनी प्रेम कहानी को मैं,खुद ही अक्सर पढ़ता हूँ,
शब्दों के सागर से अब मैं प्रेम के मोती चुनता हूँ,
उसकी यादो के सपने मैं रातो को अक्सर बुनता हूँ, #devrajsinghrathore #nojotohindi