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एक कली.., गुलाब की चाही थी मैंने, वो भी किस्मत को

एक कली.., गुलाब की चाही थी मैंने,
वो भी किस्मत को मंजूर न थी..!
आज देखो ...
फूलों का हार हैं मेरे हिस्से।

©Sudhanshu Saxena
  #Tuaurmain दरअसल चाहत ही गलत की मैंने,
बजाय गुलाब के ...
चाहत की होती...., गेंदे के कली की ।

जो खिलती धीरे धीरे यूं हीं ज़िंदगी भर 🏵️
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#Tuaurmain दरअसल चाहत ही गलत की मैंने, बजाय गुलाब के ... चाहत की होती...., गेंदे के कली की । जो खिलती धीरे धीरे यूं हीं ज़िंदगी भर 🏵️ #anonymouswriterjs #yqquotes #yqlove #what #शायरी

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