बुढ़ापा क्या है .....एक बेवजह का फितूर जो तमने पाल रखा है .....50 के बाद .....अभी भी तुम चाहो तो 50 के पहले का तुत्फ उठा सकते हो ......और तुम चाहो तो 25 के उन्माद को भी फिर से जी सकते हो ....अब बेवजह का ये उम्र का रोना बंद क्यों नहीं क़र देते हो बुढ़ापे का फितूर