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तुम गम में पी रहें हो, या गम को पी रहे हो कभी सोचन

तुम गम में पी रहें हो, या गम को पी रहे हो
कभी सोचना तो ,किस वहम को पी रहे हो
जिस वजह से पी रहे हो कितनों को पी गई है
तुम अपने ही हाथों "सूर्य"करम को पी रहे हो

©R K Mishra " सूर्य "
  #तुम#गम#को#पी  Rama Goswami Puja Udeshi Poonam Suyal PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313)