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चिराग ऐसे जले कितने इंतज़ाम आए, सुलह को रोज़ हवाओं

चिराग ऐसे जले कितने इंतज़ाम आए,
सुलह को रोज़ हवाओं के सलाम आए।

तुम्हीं हो अज़ीज़ तुम्हें गम है मेरे होने का,
हमें तो खूब तसल्ली है हम तेरे काम आए।

वो बच निकलते है मेरा ज़िक्र जब भी आता है,
मैं चाहता हूं साथ उसके मेरा नाम आए।

तुम्हारे ख़्वाब मुकम्मल हो आसमां छू लो,
ज़हद तुम्हारी मुख्तसर हो कुछ  क़याम आए।

इलाज़ ए इश्क़ नहीं दिल का मानता ही नहीं,
यही अहद है कभी तेरा कुछ पयाम आए।

यही है एक तमन्ना रूह ए अल्फ़ाज़ के लिए,
हमारे घर में कभी चांद लिए शाम आए।।
Hf Rizwan islahi Ansari

©Rizwan Ansari किया बताऊँ किस कदर मैं उसपे मरता था 
#lovetaj
चिराग ऐसे जले कितने इंतज़ाम आए,
सुलह को रोज़ हवाओं के सलाम आए।

तुम्हीं हो अज़ीज़ तुम्हें गम है मेरे होने का,
हमें तो खूब तसल्ली है हम तेरे काम आए।

वो बच निकलते है मेरा ज़िक्र जब भी आता है,
मैं चाहता हूं साथ उसके मेरा नाम आए।

तुम्हारे ख़्वाब मुकम्मल हो आसमां छू लो,
ज़हद तुम्हारी मुख्तसर हो कुछ  क़याम आए।

इलाज़ ए इश्क़ नहीं दिल का मानता ही नहीं,
यही अहद है कभी तेरा कुछ पयाम आए।

यही है एक तमन्ना रूह ए अल्फ़ाज़ के लिए,
हमारे घर में कभी चांद लिए शाम आए।।
Hf Rizwan islahi Ansari

©Rizwan Ansari किया बताऊँ किस कदर मैं उसपे मरता था 
#lovetaj

किया बताऊँ किस कदर मैं उसपे मरता था #lovetaj #शायरी