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''जबसे है समझा तुझे, जबसे है जाना तुझे, मेरे रोम-र

''जबसे है समझा तुझे,
जबसे है जाना तुझे,
मेरे रोम-रोम में तू,
मेरा लक्ष्य पाना तुझे।"
 कभी-कभी यूँ ही जब कुछ सोचता हूँ, मन में नाना प्रकार के ख्याल कौंधते हैं हर किसी का अपना तर्क होता है। लेकिन कुछ विचार लीक से हटके होते हैं जिनके बारे में हमारा मन-मस्तिष्क सोचने से कतराता है वो है 'रिजेक्शन' का। कोई भी नहीं चाहता कि वो किसी के द्वारा कभी भी reject हो चाहें Job में, चाहे प्यार में या और कहीं।
प्यार का case अत्यंत रोचक है जो काल-कालांतर से चला आ रहा है और चलता रहेगा। लेकिन आधुनिक सोच ने प्यार को अलग तरह से परिभाषित करने की कोशिश की है खासकर से जबसे पूंजीबाद (Capitalism) मुख्य धारा
''जबसे है समझा तुझे,
जबसे है जाना तुझे,
मेरे रोम-रोम में तू,
मेरा लक्ष्य पाना तुझे।"
 कभी-कभी यूँ ही जब कुछ सोचता हूँ, मन में नाना प्रकार के ख्याल कौंधते हैं हर किसी का अपना तर्क होता है। लेकिन कुछ विचार लीक से हटके होते हैं जिनके बारे में हमारा मन-मस्तिष्क सोचने से कतराता है वो है 'रिजेक्शन' का। कोई भी नहीं चाहता कि वो किसी के द्वारा कभी भी reject हो चाहें Job में, चाहे प्यार में या और कहीं।
प्यार का case अत्यंत रोचक है जो काल-कालांतर से चला आ रहा है और चलता रहेगा। लेकिन आधुनिक सोच ने प्यार को अलग तरह से परिभाषित करने की कोशिश की है खासकर से जबसे पूंजीबाद (Capitalism) मुख्य धारा

कभी-कभी यूँ ही जब कुछ सोचता हूँ, मन में नाना प्रकार के ख्याल कौंधते हैं हर किसी का अपना तर्क होता है। लेकिन कुछ विचार लीक से हटके होते हैं जिनके बारे में हमारा मन-मस्तिष्क सोचने से कतराता है वो है 'रिजेक्शन' का। कोई भी नहीं चाहता कि वो किसी के द्वारा कभी भी reject हो चाहें Job में, चाहे प्यार में या और कहीं। प्यार का case अत्यंत रोचक है जो काल-कालांतर से चला आ रहा है और चलता रहेगा। लेकिन आधुनिक सोच ने प्यार को अलग तरह से परिभाषित करने की कोशिश की है खासकर से जबसे पूंजीबाद (Capitalism) मुख्य धारा #Collab #लाइफ #ifmoonwerealamp #LovedoesntWaitFor #MyLifeIsMadeOf #आंखोंकापानी