आज़ाद अगर ज़िंदा होते,मेरा भारत ना यूँ रोता चंद कौड़ी के नेताओ पर ना मेरा राष्ट्र गौरव खोता।। लूटा गौरी ने भारत को था,फिर मुगलो ने अंग्रेजो ने । सीना भारत का रंगा खून से सत्ता के रंगरेजो ने।। पूछो इनसे मजहब क्या है, क्या है जाति क्या वर्ण विशेष। क्या राष्ट्र हित से बढ़कर है नेताओ का ये सन्देश।। भारत में है रहना तुमको पर गाना राष्ट्र का गान नही,, क्या भारत भूमि पर रहकर भारत का ये अपमान नही।। देखे है हमने युद्ध बड़े ,देखी है लड़ाई भाँति की,, मेरे देश को खतरा तुमसे नही यहाँ समस्या है बस जाति की।। फैला कर आतंक यहां पर बतला दो क्या पाओगे। हमारी क्रोधाग्नि से इक दिन काल ग्रास बन जाओगे।। हम भक्तो के है प्राण बसे श्रीराम में बजरंगी में। हमको पथ से जो डिगा सके ना दम है किसी आतंकी में।। तुम पालो लश्कर चाहे जितने ,,अलकायदा को भी बढ़ावा दो,,, ले पाओगे ना कश्मीर इंच भर चाहे जितना रोज चढ़ावा दो।। ये ओवैसी दिग्विजय है क्या ,,,है आस्तीन के सांप ये कुछ कुत्ते ये जज्बाती है जिसका पहने खाये उसको कोसे, ना शर्म इन्हें कोई आती है। हमे इनको सबक सिखाना है एक होकर इन्हें दिखाना है।। नेताओ का भरोसा अब छोडो अब हमको राष्ट्र बचाना है।। ©©कपिल #NojotoQuote ##मेरी कलम से## ##आज़ाद##आदर्श##