सुना तक़दीर का लिख्खा मिटाया जा नहीं सकता। जबरदस्ती किसी को भी भुलाया जा नहीं सकता।। , बहुत लम्बी नहीं है अब हमारी ज़िंदगी वैसे। मगर अब बेवज़ह रिश्ता निभाया जा नहीं सकता।। , हमें हैरत हुई सुनकर तुम्हें लफ़्फ़ाज़ लगता हूँ। किसी को दर्द सीधे तो सुनाया जा नहीं सकता।। , तुम्हारा शौक़ है लिखना जगो फिर इक सदी तक तुम। ये ऐसा शौक़ है इमला लिखाया जा नहीं सकता।। , मेरे हर ज़ख़्म जाली है मेरे अशआर नक़ली है। सुनो हर दर्द का किस्सा सुनाया जा नहीं सकता।। , किसी के काम का होता तो जीता और थोड़े दिन। मगर इस मौत से पीछा छुड़ाया जा नहीं सकता।। , हमारी मौत भी हमसे मगर आँखे चुराती है। जिसे आना हो नहीं हो फिर बुलाया जा नहीं सकता।। , बहुत दिलचस्प है साहिल हमारे हिज्र का किस्सा। मगर इस हिज्र से पर्दा उठाया जा नहीं सकता।। #रमेश #NojotoQuote