*विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष... सदियों से चले आए , हम हिंद के बासी है ! हम आदिवासी हैं! हम आदिवासी हैं ! हम बिरसा मुंडा हैं ,जिसने हार नहीं मानी, हम गुंडाधुर , नारायण , के जैसे बलिदानी, जल- जमीन- जंगल पर, अपने प्राण अर्पित, माँ भारती के चरणों में, जीवन है समर्पित, नित अविराम चले आए, हम मूलनिवासी है ! हम आदिवासी हैं! हम आदिवासी हैं ! पीते हैं पिलाते हैं, हम मौज उड़ाते हैं, अपनी मस्ती में हम, सबको गले लगाते हैं, हम धर्म नहीं देखें , हम जात नहीं देखें, हम दिल से करें यारी, औकात नहीं देखें, अपने हाथों हमने , तक़दीर तराशी है! हम आदिवासी हैं! हम आदिवासी हैं ! आदिवासी दिवस पर,इक संकल्प करें यारों, सच को सच ही बोले, सच के संग रहें यारों, इस हिन्दोस्तां पर ग़र,कोई आँच अगर आए, हम पीठ ना दिखलायें,हर हद से गुज़र जाएं, संविधान ही अपना तो,काबा और काशी है ! हम आदिवासी हैं! हम आदिवासी हैं ! ©मनोज कौशिक #आदिवासी दिवस