#MessageOfTheDay यकीन मानो जिन रास्तों पर तुम्हें ठोकर ना मिले यक़ीन मानो रास्ता वो हर एक ग़लत है, जिन रास्तों पर हैं ठोकर के सिलसिले यक़ीन मानो वो ही ज़िंदगी का सबक है। ये तुम पर है तुम रास्ता कौनसा चुनते हो, फल बिन परिक्षा या इम्तिहाँ कठोर चुनते हो, तुम अपने सुख के विपरित की राह ग़र चले यक़ीन मानो तुम्हारे कदमों में फ़िर सारा जगत है। ये ठोकरें ही तो कठोर का प्रारंभिक रूप है, तुम जलते नहीं क्यूंकि ये तुम्हें बनाती धुप हैं, टूटते बिखरते तुम पिघलते हो बस एकबार, यक़ीन मानो फ़िर जो बने कठोर तो बनते रजत हो। ©Akash Kedia #Messageoftheday