ऐ ख्वाब जरा संभल कर आया करो अब तो कलम से भी आह निकलती है थोड़ा मुस्कराहट को भी साथ लेकर आया करो मेरे संगी साथी भी परेशान होते है मेरे आह भरे ख्वाबों से ।। #artiup © bs yu hi mere khyal #stairs