उलझन देख रहा हूँ पारिवारिक उलझनें सुलझने का नाम ही नहीँ लेती । ऐसा नही है, की कोशिश नही होती कोशिश तो भरपूर होती हैं दोनों तरफ से सुलझानें की पर आज कोई भी अपना गलती मानने को तैयार ही नहीं आज सभी अपने आप में महान बनते फिर रहे है आज कोई भी किसी के सामने झुकना पसंद नहीं करता । ये लोगो का "हम" है जो किसी के सामने झुकने नहीं देता । देख रहा हूँ😢 पारिवारिक उलझनें सुलझने का नाम ही नहीँ लेती । ऐसा नही है, की कोशिश नही होती कोशिश तो भरपूर होती हैं दोनों तरफ से सुलझानें की