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Unsplash आज हरियाली ने ओढी क्या स्वेत चादर मानो

Unsplash आज  हरियाली  ने ओढी क्या स्वेत चादर 
मानो धरती पर स्वर्ग लोक का निर्माण हुआ 

शीत  रितु की  शीतल  झकोरे  हर  मानव  को  झकझोरे
कुछ सिमट गए रजाई में तो कुछ प्रकृतिक की छटा निहारे

कही अनुपम अद्भुत अदुतीय का स्वर गुंजायमान हो रहा
कोई आसमान से गिरते बर्फ के फुहारों की स्मृतियों को अपने मानस पटल पर इंगित कर रहा है

अनोखी अदा अनोखी छटा अनोखा अंदाज है प्रकृतिक का
हर सम्भव करो रक्षा प्रकृतिक की नही तो ये नज़रे केवल तस्वीर बन जाएगी 
अल्फाज मेरे✍️🏽🙏🏼🙏🏼

©Ashutosh Mishra #snow #हिंदीनोजोटो #हिंदी_कविता 
#प्रकृति #नजारा #आशुतोषमिश्रा  Mahi  Aman Singh  unnti singh  SHIVAM tomar "सागर"  Kamlesh Kandpal