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Kamlesh Kandpal

https://youtube.com/@KK-Opinion?si=N_1vAdm45WaJVBX-

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Kamlesh Kandpal

बादलों की अठखेलियां,
हवा के थपेड़ो से जूझते पौधे,
गेहूं चुगते कबूतरों की गुटर गूं,
तोतों, मैना, गौरेय्या की मस्ती,
बिल्ली की घूरती, शिकारी आँखें,
सब निहार रहा हूँ, अपलक!
इस सबका अर्थ ढूढ़ने का निरर्थक प्रयास करता मन
मेरी संवेदनाये,अब शून्य तो नहीं हो गईं कहीं?

©Kamlesh Kandpal #करिश्में
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Kamlesh Kandpal

कोई पर्यावरण प्रेमी नहीं हो जाता,
कमलेश जंगल मे घर बनाने से,
इंसान बदल नहीं जाता जान लो 
एक नया शहर बसाने से

©Kamlesh Kandpal #Shhar
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Kamlesh Kandpal

कमलेश वक़्त की होती
 नहीं किसी से यारी 
अमीर से इश्क नहीं, 
गरीब से नहीं पर्देदारी 

राजा, प्रजा दोनो धूल में मिलेंगे 
वक़्त देखता नहीं कोई लाचारी।

क्या दुश्मन, क्या आशिक 
उसकी किसी से नहीं रवादारी

©Kamlesh Kandpal #Wqt
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Kamlesh Kandpal

जब वृक्ष थे ज्यादा, घर थे कम 
हवा शुद्ध थी,चैन से रहते थे हम
अब भीड़ बड़ गईं, बड़ा मकानों का जाल 
सुकून भरी जिंदगी में होने लगे बवाल 
कहते सब हैं पर कोई करता नहीं सुधार 
जागो की जिंदगी की मिलती नहीं उधार

©Kamlesh Kandpal #udhar
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Kamlesh Kandpal

जी चाहता है गुम जाऊँ 
कहीं घने जंगल में.
नहीं फंसना हवस,नफरत 
ईर्ष्या के दंगल में।
फितरत बर्बादी की तो 
क्या करेंगे जाके मंगल में.

©Kamlesh Kandpal #Mangal
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Kamlesh Kandpal

अब चिड़िया को मिलता नहीं चारा 
इंसान के भोगों ने सबको ही मारा
अन्य जीवों का ना हुआ उथतान 
तो पतन भी नहीं हुआ रे इंसान 
पर भोगों में आशक्त हुआ मानव 
गिर कर नीचे बन गया दानव

©Kamlesh Kandpal #danw
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Kamlesh Kandpal

तितली मौत को जानती नहीं 
तभी बैठती है फूलों पर 
इंसान गलतियाँ बहुत करता है 
पर गौर नहीं करता अपनी भूलों पर

©Kamlesh Kandpal #bhul
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Kamlesh Kandpal

बिजली चमकी जब जब 
बादलों ने   ढाया कहर 
गावों के खेत खिले फूलों से 
बाढ़ में डूब गये सारे शहर

©Kamlesh Kandpal #Bijli
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Kamlesh Kandpal

पिघल कर हिमालों का पानी 
सागर में मिल जायेगा 
आसमां फट जायेगा अगर तो 
उसे फिर कौन सिल पायेगा

©Kamlesh Kandpal #Shaayari
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Kamlesh Kandpal

कभी पूरा होता नहीं,साथ निभाने का वादा
कोई नहीं जानता, जिंदगी का क्या है इरादा

इंसान हो तो जानवर की तरह जीना छोड़ दो
क्या पाये नहीं हो अक्ल, जानवरो से ज्यादा

बाहर की चकाचौंध छलावा है, भरम है बस 
कमलेश कभी भीतर भी अपने कर लो तकादा

फलसफा जिंदगी का समझ में  आया ही नहीं
यारा ख्याल नेक रखो, जीवन को जियो सादा

©Kamlesh Kandpal #Jindagi
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