किसी का मिलना क्या , महज़ एक संयोग है ? फिर ठहरना किसका योग है ? उसका मिलना , उसका बाते करना हम जो चाहे , उसका वो करना , धीरे धीरे दिल पे , एक छाप छोड़ जाते है फिर न जाने क्यों , कही और खो जाते है अब हमारी बाते , उन्हें चिड़चिड़ा बनाती है समय नहीं अब मिलने का अब खुद को गलती बताती है अभी तो सबकुछ सही था ! अब खुद को मेरे से विपरीत बताती है | ©बद्रीनाथ✍️ #Leave #बिछड़ना_कुदरत_का_नियम _हैं