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टुकड़ा दे दे बछड़ा पाला , बड़ा हुआ तो मारन चाला, सींच

टुकड़ा दे दे बछड़ा पाला , बड़ा हुआ तो मारन चाला,
सींच लहू से बड़ा किया था,उसको ही मैला कर डाला,

ख़ुद सोये थे भूखे प्यासे ,इसकी ख़ातिर सब सह डाला,
बड़ा हुआ ये आँख दिखाए, क्यूँकर ऐसा हुआ है चाला,

आँखों मे जो देखे सपनें ,सब के सब ही मिले  धूल में ,
इसके सपनों की  ख़ातिर ,निज सपनो को भी तज डाला,

इसकी राह में फूल बिछाए ,ख़ुद पथरीली राह पर आए,
इसकी कृतघ्नता तो देखो ,जननी  को काँटो पे डाला,

जिनके निमित्त धरती पर आए,वो ही आँखों मे चुभ जाए,
कैसी  ये   सन्तानें  हैं  माँ बाप को दे दिया देश निकाला।।

©poonam atrey
  #वर्तमानसन्तान 
#नईदुनिया  शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Anil Ray Ravikant  Dushe  AD Grk GULSHAN KUMAR  Kamlesh Kandpal Bhardwaj Only Budana Puja Udeshi Pankaj वंदना ....  Badal Singh Kalamgar Mahi HINDI SAHITYA SAGAR Raj Guru Subhash Chandra  अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर Praveen Jain "पल्लव" Noor Hindustanai Rakesh Srivastava Anshu writer  Saloni Khanna एक अजनबी Utkrisht Kalakaari Sunita Pathania Sana naaz.  Navash2411 Sethi Ji shashi kala mahto Kirti Pandey Deep  प्रज्ञा Dikesh Kanan