जिनमें जोर होता है, उनका ही यहाँ शोर होता है मजलुमों की यहाँ परवाह किसे है? न जेबों में उनकी नोट है, न अंगुठे में उनकी किसी के लिए वोट है शायद तभी, पीछे उनके पहने खाड़ा नहीं कोई काली कोट है न धर्म से है उनका वास्ता, न कर्मवीर वो बने, ऐसा है कोई रास्ता आँखें भी है मायुस, जुबां, करे भी तो कैसे बयां हरेक वो दास्तां आखिर, जिनमें जोर होता है, उनका ही यहाँ शोर होता है........ #जोर #शोर #MachalLalung