तम्बाखू जैसी इन कड़वी बातों को तेरी, सोचता हूँ, ज़िन्दगी के कागज़ में लपेट कर, सुलगा दूँ, और उन सब ज़हरीली यादों को धुएं जैसे, आसमाँ में उड़ा दूँ, सुलगते हुए जब राख गिरेगी इस ज़मी पर, हवा सब उड़ा ले जाये, ये दुआ मांगता हूँ, दम घुटता है औ' अब सीने में अजब दर्द सा है, सोचता हूँ तेरे नशे की ये, आदत बुरी छुड़ा लूँ । #ishq #nojotohindi #nojotofilms #kalamse #rshayari