रोटी बनाया गया मुझे 😍व्यंग्य😋 ||जब प्रेमिका से हुई अनबन फिर मेरी प्रेमिका ने खुन्नस यूँ निकाली|| मेरी प्रेमिका आटा गूँथते हुए मेरा नाम बड़बड़ा रही थी खुन्नस कैसे निकालू सोच रहीं थी आटे की लोई को गोल गोल घुमा मुठ्ठी में भड़ी थी मानो चुरैल के हाथों में मेरी मुंडी फसी थी तुझे तो ऐसे ही मचोड मचाड़ कर कचुंबर निकालूंगी सच कहूं तो कोयल आज काग की आवाज में बड़बड़ा रही थी चकला को पत्थर समझ पटकी थी अब बेलन से कुटाई की बाड़ी थी आज प्रेम पुजारीन चन्ठि बन गयी थी बेचारे लोई का भी मेरे कारण सामत आई थी कभी बेलन से दबा रही थी उठे हुए भाग को दबा दबा दम निकाल रही थी उठा दबा भाग को थपिया रही थी एक बराबर मोटाई में लायी थी गोल गोल चपटी रोटी पर मेरा नाम देख चांद सा कच्चा रोटी मुस्कुरा रहा था पता नहीं क्या सूझी बेली हुई रोटी पर मेरा नाम लिखी थी समान गोलाई-मोटाई देकर रोटी पर मेरा नाम देख प्रेमिका स्वयं गर्म ताबा सा लहक रही थी नाक मुंह बिचकाते गर्म तांबे पर मेरा नाम लिखा रोटी को दे पटका था मैं पक रहा था वो घूर रही थी नकचीड़ी अब बड़बड़ाती है- देख तुझे पका पका कर क्या हाल करती हूँ इसमें तेरी कमिनापंथी आवारागर्दी मक्कारी झारती हूँ? बेचारा कच्ची रोटी असहाय सा होकर घुटता रहा फूलता रहा दम निकलता फट फट कर सारा गैस निकालता रहा उसकी कुशल हाथों से परिपक रोटी बन गया था अब तो दुनिया की भूख मिटाने के काबिल मैं बन गया था ! 🤔#निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey रोटी बनाया गया मुझे 😍व्यंग्य😋 ||जब प्रेमिका से हुई अनबन फिर मेरी प्रेमिका ने खुन्नस ऐसे यूँ निकाली|| मेरी प्रेमिका आटा गूँथते हुए मेरा नाम बड़बड़ा रही थी खुन्नस कैसे निकालू सोच रहीं थी आटे की लोई को गोल गोल घुमा