White जब बनावट गुनाह बनती है सादगी तब गवाह बनती है घुटती रहती है वो घुटन है पर जो निकलती है आह बनती है उफ़! वो मंदिर के दीप-सी लड़की उसपे तो इक निग़ाह बनती है पहले चौखट को लाँघते हैं हम तब-ही मंज़िल को राह बनती है ज़िंदगी के सताए लोगों की मौत ही ख़ैर-ख़्वाह बनती है बे-वफ़ा कहके ही बुलाया कर तुझको इतनी फ़लाह बनती है ©Ghumnam Gautam #love_shayari फ़लाह― छूट #बनावट #मंदिर #दीप #लड़की #ghumnamgautam