कुछ ख़ुशनुमा दिनों की याद दिलाता है वो सूखा गुलाब साथ में सजाए ख़्वाब याद दिलाता है वो सूखा गुलाब रह गए कैसे अधूरे ख़्वाब याद दिलाता है वो सूखा गुलाब झील कभी नदी पर मिलना याद दिलाता है वो सूखा गुलाब आँखों मे झाँकना ख़ामोशी से याद दिलाता है वो सूखा गुलाब पँखुड़ियों को सपनों सा गिनना याद दिलाता है वो सूखा गुलाब कभी नहीं बिछड़ेंगे कह के मोहब्बत का वो इज़हार याद दिलाता है वो सूखा गुलाब जान से भी ज़्यादा अज़ीज़ था जो कभी आज भी, वो इतिहास याद दिलाता है वो सूखा गुलाब कुछ ख़ुशनुमा दिनों की याद दिलाता है वो सूखा गुलाब साथ में सजाए ख़्वाब याद दिलाता है वो सूखा गुलाब रह गए कैसे अधूरे ख़्वाब याद दिलाता है वो सूखा गुलाब झील कभी नदी पर मिलना याद दिलाता है वो सूखा गुलाब