Nojoto: Largest Storytelling Platform

लिखा हुए शब्दो से बढ़कर, उम्मीदों की आस लगाए, बनके

लिखा हुए शब्दो से बढ़कर,
उम्मीदों की आस लगाए,
बनके चातक ढुढू नील गगन को 
स्वाति बूंद जो प्यास बुझाए।
थार मरुस्थल सा मन मेरा
हरियाली की आस लगाए,
कैसे ढुढू बृहद कोण में ,
जीवन क्या है मुझे दरसाए
लिखे हुए शब्दों से बढ़कर 
उम्मीदों की आस लगाए।
😓😓

©manish tiwari #Ni Udash man
लिखा हुए शब्दो से बढ़कर,
उम्मीदों की आस लगाए,
बनके चातक ढुढू नील गगन को 
स्वाति बूंद जो प्यास बुझाए।
थार मरुस्थल सा मन मेरा
हरियाली की आस लगाए,
कैसे ढुढू बृहद कोण में ,
जीवन क्या है मुझे दरसाए
लिखे हुए शब्दों से बढ़कर 
उम्मीदों की आस लगाए।
😓😓

©manish tiwari #Ni Udash man