Nojoto: Largest Storytelling Platform
manishtiwari3006
  • 77Stories
  • 359Followers
  • 837Love
    1.2LacViews

manish tiwari

simple boy

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
a5b992e1a2e30396074ce4fb13054c62

manish tiwari

रात  कितनी   सुहानी    रही,
भोर   ने   यूँ  ही  पूछा   मुझे।
ज़िन्दगी कितनी शामिल रही,
भोर   ने   यूँ   ही  पूछा  मुझे।
नींद   आयी   तो  होगी  तुझे,
ख्वाब भी गुनगुनाऐ तो होगे।
या सिलवटों की कहानी रही
भोर  ने  यूँ   ही   पूछा   मुझे।
अश्रु  कोरो  से अटके हैं क्यूँ,
आँख भी कुछ उनींदी सी है।
द्वार तक कोई आया था क्या,
या हिचकियां भी कहानी रही।
भोर   ने   यूँ   ही   पूछा मुझे,
घाव   फिर   से   हरे  हो  रहे,
प्रश्न   कितने   खड़े   हो  रहे।
जख्म  रिसने  लगे आजकल,
बात   कितनी  पुरानी    रही।
भोर    ने  यूँ  ही   पूछा  मुझे,
रात   कितनी   सुहानी   रही।

©manish tiwari
  g
a5b992e1a2e30396074ce4fb13054c62

manish tiwari

तुमने पिला पिला के यूँ, मजबूर कर दिया,
हम थे अजी़ज सबके, सबसे दूर कर दिया।
कुछ बात तो है इसमें,यही लोग सब कहते,
कह के शराबी तुमने तो,मशहूर कर दिया।
 
पहले तो हुनर था कहाँ,तुमने सिखा दिया,
थोड़ी  सी  कह  तुमने तो,पूरा पिला दिया।
दो पग ही चले थे तो,सभँलने को कह दिया
फिर हाथ जो पकड़ा तो,खुदा ही दिखा दिया।......

©manish tiwari #WinterEve n
a5b992e1a2e30396074ce4fb13054c62

manish tiwari

शमशान का सत्य 

नदी के इस किनारे पर,ये कैसी भीड़ आई हैं,
सभी गमगीन हैं चेहरे,यहाँ किसकी विदाई हैं।
चटकती लकड़ियों के शोर में इतना समझ पाया,
समय की हर शिला पर सिर्फ कर्मो की गवाही है।
                          
                               मस्तमौला गाजीपुरी मनीष

©manish tiwari #bornfire
a5b992e1a2e30396074ce4fb13054c62

manish tiwari

पूछेगा   तुमको,तभी   तक    जमाना,
जहाँ    तक   तुम्हारी, जरुरत  रहेगी।
दीपो   की  माला  सजेगी  तभी  तक,
मन्दिर  मे  जब  तक  ये  मूरत  रहेगी।

सिकन्दर  भी  आऐ,गये   इस  जहां से,
फकीरो का परचम, अभी तक गगन में।
मिटी    रेत   पर, लिखी   हर    इबारत
लिखो    पत्थरो   पर,   इबारत   रहेगी।

सज़दा   करेंगे, सभी   तुमको   आकर,
जहाँ   तक, तुम्हारी   ये  सीरत  रहेगी।
होली   भी   तेरी,   दीवाली   भी   तेरी,
मनेगी,  तभी  जब   ये  कीरत   रहेगी।

                                       मनीष तिवारी

©manish tiwari #humanrigjhts
a5b992e1a2e30396074ce4fb13054c62

manish tiwari

हर भँवर में,हम कश्ती डुबोते रहे,
स्वप्न बिखरे थे,फिर भी सजोते रहे।
ज़िन्दगी,थोड़ी मोहलत अभी चाहिए,
रेत पर जो लिखा,सब सजोते रहे।
                                             
हम मुसाफ़िर हैं,कोई फरिश्ते नहीं,
दूर तक हमने देखा हैं,रिश्ते नहीं।
हाल पूछा सभी ने,औ चलते बने,
हम भी अच्छे हैं,कह मुस्कुराते रहे।

एक एहसान कर तू,मेरे हमसफ़र,
रात की बात हो,ना हो कोई सह़र।
आधियाँ तेज है,खिड़किया बन्द कर,
आ जला दे दिये,वो बुझाते रहे।

©manish tiwari u
a5b992e1a2e30396074ce4fb13054c62

manish tiwari

मोहब्बत का सहर आज ये क्या कर रहा था,
निरपराध निर्दोष किसी का गुलिस्ता उजड़ रहा था,
दंगो की आग में ये शहर जल रहा था।
किसी के हाथ में डंडा किसी के हाथ में भाले,
कोई लिए नंगी स्षमशीरो और बम गोलों से,
 किसी निर्दोष उस देवी समान महिला की
आबरू कुचल रहा था,
दुखित हुआ मन की मेरे सर्वे भवन्तु सुखिन
वाले देश में,
धर्म जाति के नाम से दंगो की आग में मेरा सहर 
जल रहा था  ।।

©manish tiwari दंगो की आग में

दंगो की आग में #विचार

a5b992e1a2e30396074ce4fb13054c62

manish tiwari

कभी मंजिल ने ठुकराया,
कभी पथ ने छला मुझको।
आँखो   ने   इशारे     कर ,
इशारो    में  छला  मुझको।
बड़े   मासूम   थे    चेहरे ,
बड़ी    मासूम   बाते   थी।
बड़े   दिलकश   नजारे थे,
बड़ी   मासूम      घाते  थी।
अभी तक ना सभँल पाया,
नजारो  ने  छला   मुझको।
वे  आँखे थी  की मयखाने,
वे जुल्फे़ थी की अफसाने।
ढलकती मय जो प्यालो में,
छलक   जाते   थे   पैमाने।
लगा  कर  जाम  होठो पर,
हमें    बेहोश   कर   डाला।
उड़ा   कर   गेसुँवो    फिर,
हवावो   ने  छला   मुझको।
कभी  मंजिल  ने  ठुकराया,
कभी  पथ  ने छला मुझको।

©manish tiwari #UskiAankhein kjh
a5b992e1a2e30396074ce4fb13054c62

manish tiwari

सत्य ने आँखे तरेरी,स्वप्न धूसरित हो गये,तिवारी t
आस में थे दर्द कितने,दर्द मुखरित हो गये।
नींद ने जाते हुऐ, हँस करके इतना ही कहा,
अधिकार तेरा था कहाँ,जो स्वप्न में तुम खो गये।
नींद शापित हो गयी हैं,करवटो में काट लेना,
हो सके तो दर्द अपने,किस्त में तुम बाँट लेना।
भुगतान तो करना पड़ेगा,गलतिया भी है तुम्हारी,
थे जो अपने हाथ पकड़े,भीड़ में सब खो गये।

                                           मनीष तिवारी

©manish tiwari #Papastst
a5b992e1a2e30396074ce4fb13054c62

manish tiwari

अब मेरे बगीचे में, तिंतलिंया नहीं आती,
फूल अब भी खिलते हैं,खुश्बुयें नहीं आती।
छू के जब बदन मेरा, अब हवा गुजरती हैं,
जख्म छिल से जाते है ,पर दुआ नही आती।

कुछ दिनों से मौसम में,बेरुखी सी छाई हैं,
लोग कह रहे लेकिन,फिर बहार आयी हैं।
बादलों के डेरो में,कुछ अजीब हलचल हैं,
स्याह इन अँन्धेरो में,बिजलिया नहीं आती।

©manish tiwari #Heart g
a5b992e1a2e30396074ce4fb13054c62

manish tiwari

लिखा हुए शब्दो से बढ़कर,
उम्मीदों की आस लगाए,
बनके चातक ढुढू नील गगन को 
स्वाति बूंद जो प्यास बुझाए।
थार मरुस्थल सा मन मेरा
हरियाली की आस लगाए,
कैसे ढुढू बृहद कोण में ,
जीवन क्या है मुझे दरसाए
लिखे हुए शब्दों से बढ़कर 
उम्मीदों की आस लगाए।
😓😓

©manish tiwari #Ni Udash man
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile